ब्लैक फंगस क्या है और ब्लैक फंगस से बचाओ के क्या है तरीके ?
ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस
दोस्तों हम आज आपको ब्लैक फंगस यानी काली फफूंद से बचने के बारे में कुछ उपाय बता रहे हैं,
अगर आपको यह बीमारी के लक्षण नजर आए तो उसे गंभीरता पूर्वक ले ,और इस बीमारी के गंभीर लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं।
आज हमारे देश में ब्लैक फंगस यानी काली फफूंद के केस बढ़ने लगे हैं।
ऐसे में हमारे देश के प्रति दायित्व बनता है की आम लोगों को इस बीमारी में कैसे जानकारी दी जाए और किस प्रकार जागरूक किया जाए। हम देश के जाने-माने डॉक्टरों की राय के अनुसार आपको इस बीमारी के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे।
स्टेरॉयड का इस्तेमाल ज्यादा ना करें
जाने-माने देश के डॉक्टरों ने इसके बारे में और उसके बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां हमें बताइए, निम्नलिखित नीम महत्वपूर्ण बातों को हम आपके सामने रख रहे हैं, प्रथम यह के रोजाना ब्लड शुगर का लेवल चेक करें, दूसरा स्टेरॉयड कब देना है, तीसरा कितनी खुराक देनी है।
अगर आप लोग इन छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखेंगे तो इस बीमारी से बहुत हद तक बचा जा सकता है।
म्यूकार्माइकोसिस को नियंत्रित करने का सबसे मुख्य और अहम बात स्टेरॉयड का बड़ी सूझबूझ के साथ प्रयोग करना चाहिए और ब्लड शुगर को नियंत्रित करना होगा।
इस बीमारी के पहले लक्षण नाक, कान, गले में दर्द, नाग में भारीपन मुंह के अंदर कानों के पीछे मुंह पर सूजन या फंगस का हल्के हल्के दाग नजर आना।
अगर यह लक्षण किसी भी रोगी के शरीर में नजर आए तो उसे तुरंत मेडिकल इलाज की जरूरत है, इस बीमारी को छुपाना या किसी प्रकार की लापरवाही करना या कोताही करना रोगी के लिए और परिवार के जनों के लिए घातक हो सकती है। इसका इलाज तुरंत अच्छे डॉक्टर से करवाएं।
अफवाहों से सावधान
इस बीमारी को लेकर लोगों में कुछ भर्म फैलाया जा रहा है जो बिल्कुल निराधार और गलत है। कुछ लोग बोल रहे हैं की कच्चा खाना खाने से यह बीमारी फैलती है, तो कुछ बोल रहे हैं कोरोना के मरीज के ऑक्सीजन के प्रयोग से मरीजों को यह बीमारी हो रही है। देश के किसी भी डॉक्टरों ने इन बातों की पुष्टि नहीं की है, यह घर में रहने वाले लोगों को भी हो सकती है।
अच्छे आप सभी देशवासियों से निवेदन है कि अपने शरीर की, अपने घरों के आसपास साफ-सफाई का, अच्छे से ख्याल रखें। अगर इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण आपके शरीर पर होता है तो आप तुरंत अपने नजदीकी हॉस्पिटल के डॉक्टर से परामर्श करें और अपना इलाज तुरंत करवाएं।
ब्लैक फंगस से बचाव के तरीके
नोट:- ब्लैक फंगस से बचने के लिए मोबाइल फोन का कम से कम उपयोग करे। ये देखा गया है जिस किसी को भी यह बीमारी हुवी है उसने मोबाइल फोन का इस्तेमाल आवस्कता से अधिक किया है और अपनी आंख को गवा दिया है।
1.लोग मास्क को कई दिन तक धोते नहीं है उल्टा सैनिटाइजर से साफ करके काम चलाते है । ऐसा न करें । कपड़े के मास्क बाहर से आने पर तुरंत मास्क साबुन से धोएं, धूप में सुखाएं और प्रेस करें। सर्जिकल मास्क एक दिन से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
N95 मास्क को मेंहगा होने की वजह से लंबे समय तक उपयोग करना पड़े तो साबुन के पानी में प्रतिदिन कई बार डुबोकर धो लें, रगड़े नहीं । बेहतर हो कि नया इस्तेमाल करें ।
2. अधिकांश सब्जियां खासकर प्याज़ छीलते समय दिखने वाली काली फंगस हाथों से होकर आंखों या मुंह मे चली जाती है । बचाव करें । साफ पानी , फिटकरी के पानी या सिरके से धोएं फिर इस्तेमाल करें ।
3. फ्रिज के दरवाजों और अंदर काली फंगस जमा हो जाती है खासकर रबर पर तो उसे तत्काल ब्रश साबुन से साफ करें । और बाद में साबुन से हाथ भी धो लें ।
4. जब तक बहुत आवश्यक न हो, ऑक्सीजन लेवल सामान्य है तो अन्य दवाओं के साथ स्टेरॉयड न लें । विशेष तौर पर यह शुगर वाले मरीजों के लिए अधिक खतरनाक है ।
5. यदि मरीज को ऑक्सीजन लगी है तो नया मास्क और वह भी रोज साफ करके इस्तेमाल करें । साथ ही ऑक्सीजन सिलिंडर या concentrator में स्टेराइल वाटर/saline डालें और रोज बदलें ।
6. बारिश के मौसम में मरीज को या घर पर ठीक होकर आ जाएं तब भी किसी भी नम जगह बिस्तर या नम कमरे में नहीं रहना है । अस्पताल की तरह रोज बिस्तर की चादर और तकिए के कवर बदलना है । और बाथरूम को नियमित साफ रखना है ।
रूमाल गमछा तौलिया रोज धोना है ।
अगर अपने अभी तक वैक्सीन नही लगवाई है तो लगवा ले। ब्लैक फंगस से भी बचा जा सकता है वैक्सीन लगवाने से। अपनी वैक्सीन ऑनलाइन ऐसे बुक करे!
आप इन सब बातों का ध्यान रखें और दूसरों को भी बताएं तो इस घातक बीमारी से बचाव संभव है । क्योंकि इसका उपचार अभी बहुत दुर्लभ और मेंहगा है इसलिए सावधानी ही उपचार है ।
आज की जानकारी के लिए इतना ही, हमारा यह लेख आपको कैसा लगा इसे आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं धन्यवाद 👍